Wednesday, 29 July 2015
‘‘गलतियों से सीखूंगा और सपने का पीछा करुंगा और एक दिन ऊंचाई को छू लूंगा’’- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
बुलंदशहर। देश को अग्नि मिसाईल देकर शाक्ति सम्पन करने
वाले और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की याद लोगों के दिलों की
गहराईयों में घर कर गयी है। बुलंदशहर सिटी के निर्मला कान्वेंट स्कूल के
छात्रों के आदर्श डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम से उनकी मुलाकात 17 दिसंबर 2013 को
हुई थी। मौका था स्कूल के गोल्डन जुबली सेलेब्रेशन का। कड़कड़ाती ठंड और
घने कोहरे से बेपरवाह डॉ0 कलाम स्कूल के कार्यक्रम में शाम 6 बजे पहुँचे और
दो घंटों तक बच्चों के बीच रहे।
डॉ. कलाम ने बच्चों की छुपी क्षमताओं को बाहर कैसे बाहर लाया जाता है सिखाया। उन्होंने बच्चों को सिखाया कैसे देश और समाज को बडा बनाया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद जब कलाम साहब ने मंच पर माइक संभाला तो बच्चों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ खड़े होकर उनका स्वागत किया। कलाम साहब ने बताया कि जो शख्स उन बच्चों के सामने है, वह एक छोटे से गाँव से ताल्लुक रखता है। ऐसे गाँव से जहाँ सड़क, बिजली, पानी तो दूर रोजीरोटी के सामान्य साधन मयस्सर नही होते।
बच्चों को फ्रैन्डस कहते थे
डा. कलाम साहब अपने भाषण में बच्चों को फ्रैन्ड्स कहते थे। उन्हें बच्चों में अकूत क्षमताऐं और अपार संभावनाऐं दिखती थी। उन्होने कहा था कि हर क्षण अपने देश के उत्थान और समाज की प्रगति के बारे में काम करो। आप सफल रहेगे और आपकी सफलता उम्मीदों से बड़ी होगी। अपने भाषण के दौरान उन्होने बच्चों को मंच के पास बुलाया और उनसे सवाल करने के लिए कहा। उन्होने कहा था कि आज तुम्हारे मन में जितने भी सवाल है मुझे बताओ। मैं तुम्हें सफलता और जीवन के रहस्यों का तोड़ बताऊँगा। मैं बताऊँगा कि कैसे खुली आंखों से सपने देखे जाते है और उन्हें कड़ी मेहनत से सच में तब्दील किया जाता है।
ऊचाई छूने का सिखया हुनर
मिसाइलमैन ने संबोधन के दौरान बच्चों को अपने साथ-साथ कुछ पंक्तियां उच्चारण करने को कहते थे। मसलन ‘आई विल फ्लाई, बिकॉज आई हैव हैव विग्स, आई विल नॉट डिफीट, आई विल लर्न फ्रॉम मिस्टेक्स एंड फॉलो माई ड्रीम एंड फाइनली रीच टू द टॉप’। यानि कि ‘मैं उडूंगा क्योंकि मेरे पास पंख हैं। मैं हार नहीं मानूंगा। मैं अपने गलतियों से सीखूंगा और सपने का पीछा करुंगा और एक दिन ऊंचाई को छू लूंगा’।
तीन बार आए थे ‘बुलंदशहर’
विद्या ज्ञान के बाद वह बुलंदशहर के निर्मला कान्वेंट और खुर्जा आए और यहां भी बच्चों को संबोधित किया था। यहां भी उन्होंने अपने जीवन की संघर्ष गाथा सुनाई थी। बताया था कि किस तरह गरीबी में उन्होंने पढ़ाई की। अभाव देखा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। मिसाइल वैज्ञानिक बने और एक दिन देश के राष्ट्रपति। वह बच्चों में एक सपने का बीज बो देते थे कि उन्हें एक दिन बड़ा आदमी बनना है। जरूरी नहीं वैज्ञानिक या गणितज्ञ, जो भी उनकी रुचि हो। मसलन खिलाड़ी, चित्रकार, पत्रकार, साहित्यकार, बिजनसमैन या कुछ भी। वह कहा करते थे कि जिस क्षेत्र में जाओ, टॉप पर पहुंचने के लिए प्रयत्न करो। क्योंकि सफल व्यक्तियों से ही सफल देश का निर्माण होगा।
News Cover by: Bulandshehr Express
डॉ. कलाम ने बच्चों की छुपी क्षमताओं को बाहर कैसे बाहर लाया जाता है सिखाया। उन्होंने बच्चों को सिखाया कैसे देश और समाज को बडा बनाया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद जब कलाम साहब ने मंच पर माइक संभाला तो बच्चों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ खड़े होकर उनका स्वागत किया। कलाम साहब ने बताया कि जो शख्स उन बच्चों के सामने है, वह एक छोटे से गाँव से ताल्लुक रखता है। ऐसे गाँव से जहाँ सड़क, बिजली, पानी तो दूर रोजीरोटी के सामान्य साधन मयस्सर नही होते।
बच्चों को फ्रैन्डस कहते थे
डा. कलाम साहब अपने भाषण में बच्चों को फ्रैन्ड्स कहते थे। उन्हें बच्चों में अकूत क्षमताऐं और अपार संभावनाऐं दिखती थी। उन्होने कहा था कि हर क्षण अपने देश के उत्थान और समाज की प्रगति के बारे में काम करो। आप सफल रहेगे और आपकी सफलता उम्मीदों से बड़ी होगी। अपने भाषण के दौरान उन्होने बच्चों को मंच के पास बुलाया और उनसे सवाल करने के लिए कहा। उन्होने कहा था कि आज तुम्हारे मन में जितने भी सवाल है मुझे बताओ। मैं तुम्हें सफलता और जीवन के रहस्यों का तोड़ बताऊँगा। मैं बताऊँगा कि कैसे खुली आंखों से सपने देखे जाते है और उन्हें कड़ी मेहनत से सच में तब्दील किया जाता है।
ऊचाई छूने का सिखया हुनर
मिसाइलमैन ने संबोधन के दौरान बच्चों को अपने साथ-साथ कुछ पंक्तियां उच्चारण करने को कहते थे। मसलन ‘आई विल फ्लाई, बिकॉज आई हैव हैव विग्स, आई विल नॉट डिफीट, आई विल लर्न फ्रॉम मिस्टेक्स एंड फॉलो माई ड्रीम एंड फाइनली रीच टू द टॉप’। यानि कि ‘मैं उडूंगा क्योंकि मेरे पास पंख हैं। मैं हार नहीं मानूंगा। मैं अपने गलतियों से सीखूंगा और सपने का पीछा करुंगा और एक दिन ऊंचाई को छू लूंगा’।
तीन बार आए थे ‘बुलंदशहर’
विद्या ज्ञान के बाद वह बुलंदशहर के निर्मला कान्वेंट और खुर्जा आए और यहां भी बच्चों को संबोधित किया था। यहां भी उन्होंने अपने जीवन की संघर्ष गाथा सुनाई थी। बताया था कि किस तरह गरीबी में उन्होंने पढ़ाई की। अभाव देखा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। मिसाइल वैज्ञानिक बने और एक दिन देश के राष्ट्रपति। वह बच्चों में एक सपने का बीज बो देते थे कि उन्हें एक दिन बड़ा आदमी बनना है। जरूरी नहीं वैज्ञानिक या गणितज्ञ, जो भी उनकी रुचि हो। मसलन खिलाड़ी, चित्रकार, पत्रकार, साहित्यकार, बिजनसमैन या कुछ भी। वह कहा करते थे कि जिस क्षेत्र में जाओ, टॉप पर पहुंचने के लिए प्रयत्न करो। क्योंकि सफल व्यक्तियों से ही सफल देश का निर्माण होगा।
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Sunday, 19 July 2015
नमाज अदा कर मांगी अमन-चैन की दुआ
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शनिवार सुबह से ही ईद का उल्लास चारों ओर दिखाई दे रहा था। रंग-बिरंगे कपडे पहने बच्चे और बुजुर्ग, युवा सामूहिक रुप से ईदगाह पहुंचे तो, कुछ लोग जामा मस्जिद पहुंचे। यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लोगों ने ईद की नमाज अदा की और मुल्क में अमन-चैन और तरक्की की दुआ मांगी। नमाज अदा होते ही लोग एक दुसरे के गले मिल कर ईद की बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया।
अंसारी रोड स्थित ईदगाह पर एसएसपी अनंतदेव तिवारी व एसपी सिटी राजेश कुमार, एडीएम विशाल सिंह मौजूद रहे। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने गले मिलकर लोगों के साथ पर्व की खुशी का इजहार किया। बडे लोगों ने बच्चों को ईदी देकर उनकी खुशियों को और दोगुना कर दिया और जरूरतमंदों को दान किया। ईदगाह में सजे मेले में पहुंच कर बच्चों ने आसमानी झूलों व खिलौने और खाने-पीने के सामान की जमकर खरीददारी की। इसके बाद लोगों ने मित्रों व परिवार और रिश्तेदारों को ईद की बधाई दी।
पुलिस बल रहा तैनात
ईद पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहे। सुबह सात बजे से ही शहर के आंतरिक स्थानों पर प्रशासन ने बडे वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी। कई मार्गो पर डायवर्जन रहा। ईदगाह के चारों ओर सुरक्षा के लिहाज से पुलिस जवान तैनात किए गए थे। साथ में साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए नगर पालिका कर्मियों को भी लगाये गये थे।
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बुलंदशहर में अमन-चैन की दुआ मांग मनाया ईद का पर्व
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स्याना में ईद-उल-फितर का पर्व खुशनुमा माहौल में मनाया गया। वैरा रोड स्थित ईदगाह पर हजारों अकीदतमंदों ने ईद की नमाज अता कर देश की तरक्की व खुशहाली की दुआ की। स्याना के शहर मुफ्ती मौ. शाहिद ने नमाज अता कराई। उन्होंनें कहा कि सभी कौम मिल-जुलकर रहें तथा अमन के दुश्मनों को अल्लाह सही राह दिखाए। कहा कि किसी के बहकावे में न आकर भाईचारे को मजबूत बनाएं। हिन्दुस्तान पर कोई बला न आए व देश तरक्की करे।
गुलावठी, पुलिस अभिरक्षा के बीच हजारों अतीकमंदो ने ईद की नमाज अता कर देश में अमन चैन की दुआएं मांगी। सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने कैम्प लगा ईद की मुबारक दी। शनिवार को गुलावठी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना फरीदुद्ीन ने ईदगाह पर ईद की नमाज अता करायी। नमाज को शांतिपूर्ण ढ़ग से सम्पन्न कराने के लिए चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया था। अंकीदतमंदो ने मेरठ-बुलंशहर हाइवे पर बैठकर नमाज अता की। जिसके कारण हाइवें पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया। नमाज के बाद अंकीदतमंदो ने देश में अमन चैन की दुआएं मांगी
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“बजरंगी भाईजान” की हाउसफुल ओपनिंग रही सलमान को ईद का तौफा
बुलंदशहर में ईद के मौके पर ‘बजरंगी भाईजान’ को लेकर दर्शको में जबरदस्त क्रेज देखा गया। कई सिनेमाहाल्स पर बजरंगी भाईजान की टिकट के लिए मारामारी हुई तो कई जगह भीड़ ने सिनेमाहाल के बाहर भी हाउसफुल रखा। वान्टेड, रेडी, दबंग और एक था टाइगर जैसी फिल्मों को ईद पर हिट करने का फार्मूला एक बार फिर सलमान खान के लिए मुनाफे का सौदा साबित रहा।
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हिट होने का नया फार्मूला “विवाद”
मून सिनेमा के मालिक धीरेन्द्र सोलंकी का कहना है कि काफी लंबे समय बाद सलमान की फिल्म को लेकर दर्शको में इतना क्रेज देखा जा रहा है। इसकी वजह ईद पर सलमान की नई रिलीज के अलावा फिल्म का हनुमान चालीसा को लेकर पहले से विवादित हो जाना भी है। दरअसल, अब फिल्म हिट करने का फार्मूला विवाद बन गया है और दर्शक इस विवाद की असलियत को देखने के लिए सिनेमाघर तक खिंचे चले आते है।
रही एडवांस बुकिंग
‘बजरंगी भाईजान’ देखने पहुँचे फैजान, राहिल और उनके दोस्त तरूण ने बताया कि वह सलमान के बड़े फैन है और उनकी कोशिश रिलीज के पहले शो में बैठकर फिल्म देखना रही है। लेकिन इस बार दो दिन के 6 शो बीत जाने के बाद भी उन्हें टिकट नही मिल पाया है। एडवांस बुकिंग बहुत ज्यादा है
एक घंटे में हाउसफुल, जमकर ब्लैक
सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों पर सुबह 10 बजे से ही टिकट के लिए लाइन लग गई थी। दोपहर 12 वाले शो की टिकट 11 बजे ही बिक गई। दर्शकों को टिकट न मिलने का फायदा ब्लैक करने वालों ने उठाया। विशाल सिनेमा के बाहर बालकनी की टिकट 300 रुपये तक में ब्लैक हुई।
छुटटी का मजा किया दोगुना
छुट्टी का दिन था ऐसे में बजरंगी भाईजान को देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। टिकट खिड़की खुली और थोड़ी देर में ही हाउसफुल का बोर्ड लटक गया। दर्शकों के दिल पर सलमान ऐसे छाए कि हर कोई बस यही बोला छुट्टी का मजा दोगुना हो गया।
News Cover By: Bulandshehr Express
http://bulandshahrexpress.in/2015/07/18/house-full-show-in-bajrangi-bhaijaan-bulandshahr/
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