Thursday 19 May 2016

अब जेवर से भरी जाएगी अंतर्राष्ट्रीय उड़ान, पूरा होगा अखिलेश सरकार का वादा

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एनसीआर क्षेत्र के विकास की प्रमुख धुरी बनने जा रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए अब आपको ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एयरपोर्ट निर्माण को लेकर जिस रफ्तार से केंद्र और राज्य सरकार ने सकारात्मक कदम बढ़ाये हैं उससे न सिर्फ एयरपोर्ट के बनने का रास्ता साफ हुआ है बल्कि इसके निर्माण में भी तेजी के संकेत मिले हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार जेवर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के बनने का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है। यूपी सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भी जारी कर दिया गया है। वादे के मुताबिक प्रदेश की अखिलेश सरकार ने पिछले साल यह घोषणा की थी कि एनसीआर क्षेत्र के गौतमबुद्ध नगर जिलान्तर्गत जेवर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जाएगा।

केंद्र की मंजूरी मिलते ही काम शुरु
सीएम अखिलेश यादव ने जेवर में प्रस्तावित ‘नोएडा इंटरनेशनल एय़रपोर्ट’ निर्माण के संबंध में कहा था कि जैसे ही इस संबंध में केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिल जाएगी एयरपोर्ट के निर्माण का काम शुरु कर दिया जाएगा।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए साइट क्लियरिंग मिली
केंद्र सरकार ने साल 2008 में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा नीती को अधिसूचित किया था। इस अधिसूचना में नया हवाई अड्डा बनाने सम्बन्धित दिशा-निर्देशों को तय किया गया था। केंद्र सरकार के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा ने लोकसभा में यह जानकारी दी थी। डॉ. शर्मा ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अप्रैल 2016 में प्रदेश सरकार की ओर से जेवर में प्रस्तावित ‘नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ बनाने के लिए साइट क्लियरिंग की मंजूरी का प्रस्ताव मिला है।

नागरिक उड्डयन निदेशालय, एयरपोर्ट अथॉरिटी और रक्षा मंत्रालय देंगे राय
डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि यूपी सरकार की तरफ से मिले प्रस्ताव को ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा नीती के अनुसार नागरिक उड्डयन निदेशालय, एयरपोर्ट अथॉरिटी और रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है ताकि यह सब इस संबंध में अपनी राय स्पष्ट कर सकें। एयरपोर्ट निर्माण को लेकर स्टियरिंग कमेटी में भी विचार किया जा रहा है।

डीपीआर बनते ही काम शुरु होगा
केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने बताया कि यूपी सरकार ने एयरपोर्ट के लिए पहले ही जेवर के पास जमीन आरक्षित कर रखी है, लिहाजा अब इसमे देरी होने की संभावना नहीं है। अब अगला कदम डीपीआर बनाने का होगा। डीपीआर कौन तैयार करेगा इसको लेकर भी फैसला हो चुका है लेकिन प्रोजेक्ट कौन बनाएगा इसको लेकर फैसला किया जाना बाकी है। कोशिश यही रहेगी की इस साल के अंत तक एयरपोर्ट निर्माण का कार्य शुरु किया जाये।

एनसीआर को लगेंगे विकास के पंख
एनसीआर में शुमार नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण का फैलाव आगरा तक होने के कारण इस क्षेत्र में आने वाले दिनों में विकास की रफ्तार को चार चांद लगने वाले हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल क्षेत्र है जबकि मथुरा बड़ा धार्मिक स्थल है और आगरा एक ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय सैलानी स्थल है। एयरपोर्ट बनने से जहां नोएडा-ग्रेटर नोएडा में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं मथुरा और आगरा आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।




Source : http://upnews.org/noida-international-airport-to-soon-become-reality/s

Tuesday 10 May 2016

चेकिंग के नाम पर दबंग दारोगा ने किया युवक को घायल

बुलंदशहर में चौंकाने वाली तस्वीर सामने आयी है. जहां मानवाधिकारों की खिल्ली उड़ाते हुए पुलिस का डंडा बेगुनाहों पर बरस रहा है. खुर्जा सिटी में चेकिंग के नाम पर उगाही के दौरान सोमवार को एक दरोगा ने युवक पर डंडे से प्रहार कर घायल कर दिया.
दरअसल, चैकिंग के दौरान बाइक सवार इस युवक को पुलिस ने रोका. वह अपनी बाइक रोक पाता उससे पहले ही चौकी इंचार्ज जवाहर शर्मा और उसके साथी सिपाहियों ने दौड़कर युवक पर डंडों की बरसात कर दी. पुलिस की पिटाई से घायल युवक बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा.

चेकिंग के नाम पर दबंग दारोगा ने किया युवक को घायल
पुलिस की हरकतों का विरोध करते हुए इलाके के हजारों लोग मौके पर जुट गये और आरोपी पुलिसवालों के सस्पेंशन की मांग करने लगे. पुलिसवालों ने इससे पहले भी चैकिंग के दौरान बाइक सवार एक महिला के सिर पर डंडा मारकर उसे घायल कर दिया.
वहीं पति द्वारा विरोध करने पर उसके पति की भी पिटाई की गयी और उसे खुर्जा सिटी थाने की हवालात में डाल दिया गया. अब देखना ये होगा इस मामले में पुलिस के अधिकारी इस दबंग दरोगा पर क्या कार्रवाई करते है.



source: http://hindi.pradesh18.com/news/uttar-pradesh/bulandshahr/police-inspector-injured-one-man-while-checking-in-bulandshahr-1414541.html

Monday 9 May 2016

बुलंदशहरः 250 तालाब हुए लापता, 80 लाख लीटर पानी कि है जरूरत

 
पिछले कई सालों से बारिश में आई कमी के कारण नदियों का जल स्तर प्रतिदिन गिरता जा रहा है। तालाब सूखते जा रहे है। वहीं बढ़ते भूजल दोहन से भूमिगत जल भंडार में तेजी से कमी आती जा रही है। जिस वजह से बुलंदशहर जिले में 80 लाख लीटर पानी की सप्लाई में कमी आई है।
बुलंदशहर में प्रतिदिन 80 लाख लीटर पानी की सप्लाई कम हो रही है। इस बात का खुलास विभागीय आंकडों से हुआ है। लगातार बढ़ती गर्मी और पानी की कमी के कारण फिल्हाल ये स्थिति सुधरती दिखाई नही दे रही। बता दे कि पानी का आंकलन प्रतिदिन मिलियन लीटर (एमएलडी) के आधार पर होता है। सिकन्द्राबाद में 2.31 एमएलडी यानी 23 लाख दस हजार लीटर पानी कम सप्लाई हो रहा है। जहांगीराबाद, गुलावठी, स्याना, शिकारपुर, छतारी में पानी की कमी हो रही है।

ये है आंकडा-
सिकन्द्राबाद में 6.61 एमएलडी पानी की आवश्यकता है लेकिन वहां पर 4.3 एमएलडी की सप्लाई हो रही है। ऐसे ही जहागीराबाद में 4.88 एमएलडी की आवश्यकता है लेकिन 2.58 एमएलडी की सप्लाई हो रही है। गुलावठी 4.14 एमएलडी लेकिन 2.16 एमएलडी की सप्लाई हो रही है। स्याना 3.62 एमएलडी की आवश्यकता है लेकिन 3.24 एमएलडी क सप्लाई हा रही है। शिकारपुर में 3.09 एमएलडी की आवश्यकता है लेकिन 2.16 एमएलडी की सप्लाई हो रही है। छतारी .93 एमएलडी की आवश्यकता है लेकिन .86 एमएलडी की सप्लाई हो रही है।

डीएम ने दिए तालाबों के जीर्णोद्धार के आदेश-
जिला प्रशासन के आंकडों के अनुसार जिले में करीब 1300 तालाब है। लेकिन जिले में फिलहाल 1050 तालाब है। इन तालाबों का जीर्णोद्धार प्रशसन द्वारा कराया जा रहा है। इन 1050 तालाबों में जल्द ही पानी की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए डीएम सुभ्रा सक्सैना ने सभी आदेश जारी कर दिए है।

250 तालाबों को लगाया जायेगा पता
जिले से गायब हो गए 250 तालाबों का पता लगा जाएगा। जिन तालाबों पर कब्जे किया जा चुका है या फिर तालाबों को रिकार्ड से गायब करने की कोशिश की है। उन्हें पूराने फाइलों व नक्शे के आधार पर ढूंढा जा रहा और जिन तलाबों पर कब्जा हो गया है उन्हें कब्जा मुक्त कराया जाएगा।


Source: http://voinews.in/?p=1163#.VzBvx3bS4gk.facebook

Saturday 7 May 2016

अब नही मिलेगी खुर्जा पॉटरी उद्योग के खूबसूरत कप और प्लेटे, 51 पॉटरी बंद


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के आदेश पर बुलंदशहर की 51 पॉटरी फैक्ट्रियों को बंद करा दिया गया है। दिल्ली की जयहिंद एनजीओ ने 2015 में पॉटरी उद्योग पर प्रदूषण फैलाने के आरोपों के साथ एनजीटी में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने खुर्जा पॉटरी उद्योग की 51 इकाईयों पर तालेबंदी के आदेश दिए है। खुर्जा की 108 पॉटरी फैक्ट्रियों पर अभी भी एनजीटी की कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
चाय के खूबसूरत कप और प्लेटें अब बीते दिनों की बात रह जायेगी। बुलंदशहर की विश्वप्रसिद्ध पॉटरी का 4 सौ साल पुराना इतिहास अब मिट्टी में मिल जायेगा। 7 अप्रैल को जारी एनजीटी के आदेश पर खुर्जा की 51 पॉटरियों में जिला प्रशासन ने ताला डाल दिया है। एनजीटी ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का एअर और वाटर एनओसी न होने पर इन पॉटरियों को बंद करने के आदेश दिये थे। जिला प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अफसरों की हीलाहवाली के चलते बंद इन पॉटरियों से जुड़े लाखों हाथ अब बेरोजगार हो जायेगे।

देश में यह इकलौती इन्डस्ट्री है जो ऑरेंज कैटिगिरी में आती है। यहाँ मिट्टी के इन बर्तनों को भट्टी के बजाय डीजल से चलने वाले बर्नरों से पकाया जाता है। बता दे कि 2015 में बुलंदशहर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रहे अनिल चैधरी एक पॉटरी से रिश्वत मांगते कैमरे में कैद हुए थे। मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद उन्हें यहाँ से हटा दिया गया जिसकी चिढ़ में चैधरी ने एक एनजीओ के माध्यम से याचिका विभागीय फाइलें एनजीटी में पहुँचा दी। एनजीटी ने बाकी बची पॉटरियों की मॉनीटरिंग रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांगी है। माना जा रहा है कि इन 108 फैक्ट्रियों पर भी जल्द ताला डाल दिया जायेगा।
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पॉटरी का इतिहास करीब 400 वर्ष पुराना है
खुर्जा पॉटरी उद्योग का इतिहास 400 वर्ष पुराना है अभिलेखों से पता चलता है कि तेमूर लंग के भारत आगमन के दौरान मिस्र, तुर्की, सिरिया, अफगानिस्तान आदि देशों से कुम्भकारी के क्षेत्र में दक्षता प्राप्त कारिगर खुर्जा में आकर बस गए। ये लोग स्थानीय पोखर, तलाबों की लाल मिटटी के बर्तनों को चाक पर बनाकर पारसियन मुगल शैली मे उन्हें ढालते थे। बाद में बारिक कलात्मक नककाशी व हस्तशिल्प का कार्य कर सजावटी सामान मस्जिद, मंदिर व बडे-बडे किलों हवलियों पर लगने वाली मिनारे बनाकर बेचते थे।

विदेशों में है खुर्जा पॉटरी का नाम
पाॅटरी में बनाए गए सजावटी सामाना फुलदान तथा गमले फ्रांस, अमरिका, इंग्लेण्ड और कनाडा के राष्ट्रपति भवनों में वहां की शोभा को चार चांद लगा रहे है। पॉटरी के सामने की डिमांण देश नही विदेशों में भी है। इसके अलावा भारत के परमाणू उपकेन्द्रों, इलेक्ट्रोनिकस एवं इलेक्ट्रीकल के क्षेत्र में प्रयोग होने वाले सामान हाईटेन्शन तथा लोटेंशन, इंसूलेटर्स की मांग भी विदेशों में बढने लगी। खुर्जा के चीनी मिटटी बर्तनों में प्रयोग होने वाला समस्त कच्चा रो-मेटेरियर गुजरात राजिस्थान, बंगाल, बिहार जैसे सुदूर प्रांतों से आता है।

भूखमरी की कगार पर हजारों मजदूर
जय हिन्द एनजीओ की याचिका के बाद 51 पाॅटरी ईकाइयों के हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इन हजारों मजदूरों के पास अब कोई दूसर काम नही, अब ये मजदूर सडक के किनारे हथठेलिया लगाकर अपने परिवार का भरन पोषण करने को मजबूर होगे। कुछ मजदूरों के सामने भूखमरी ने अपने पैर पसार लिए है। अच्छे खासे हस्तशिल्प के सामने रोजी रोटी का संकट खडा हो गया है।

स्लॉटर हाउसेज की देन है प्रदूषण
सौ फीसदी हैंडीक्राफ्ट श्रेणी में आने वाले इस सेरेमिक उद्योग पर अब मुसीबतों के काले बादल है। खुर्जा में प्रदूषण पॉटरी के बजाय अवैध स्लॉटर हाउसेज की देन है। लेकिन मजदूरों की दो वक्त की रोटी अधिकारियों को रास नही आ रही। अब वह दिन भी दूर नही जब एनजीटी के अगले आदेश पर खुर्जा का पॉटरी उद्योग हमेशा के लिए बंद कर दिया जायेगा।


Source: http://voinews.in/?p=1141#.VyyfNYcsWJM.facebook