Monday 11 April 2016

एनजीटी का यूपी सरकार को नोटिस, नरौरा परमाणु बिजलीघर के पास हो रहा बालू खनन

Khannan-Narora

यूपी के नरौरा परमाणु संयत्र के पास के गाँव में हो रहे अवैध रेत खनन को लेकर राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यूपी सरकार को नोटिस भेजा है। मोदीनगर के फिरेसिंह प्रजापति की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने उत्तर-प्रदेश सरकार को इस मामले पर नोटिस जारी करके जबाब मांगा है।
बुलंदशहर के डिबाई स्थित नरौरा परमाणु संयत्र से सटे गाँव गोकुलपुर खादर में कई बरसों से गंगा के किनारे अवैध खनन हो रहा है। जिला प्रशासन और पुलिस के सहयोग से होने वाले इस कारोबार में सत्ता की ताकत का जमकर इस्तैमाल होता है। बुलंदशहर में गंगा किनारे के बड़े माइनिंग प्वाइन्ट्स में से एक गोकुलपुर खादर में संभल निवासी समाजवादी नेता डॉ0 धर्मपालसिंह यादव और उनका पुत्र कई बरसों से अवैध खनन का कारोबार कर रहे है।
खनन करने का आधार 10-12 साल पुराना एक खनन पट्टा है जिसकी मियाद काफी लंबे समय पहले पूरी हो चुकी है। लेकिन जिला प्रशासन और लखनऊ निदेशालय के अफसरों की सांठगांठ से समाजवादी पार्टी के यह नेता अब तक करोड़ों रूपये की कमाई कर चुके है।
गंगा बैराज से ठीक पहले का इलाका रामसर वेटलेंड कहलाता है। यहाँ गंगाजल में दुर्लभ जलीय जीव जैसे कछुए और डाल्फिन पायी जाती है। गंगा में खनन पहले से ही प्रतिबंधित है। डब्लूडब्लूएफ के मुताबिक चार बरसों से डाउनस्ट्रीम में डाल्फिन भी मौजूद है। लेकिन इसके बाबजूद अवैध खनन बड़े पैमाने पर यहाँ किया जाता है।
गोकुलपुर खादर के ग्रामीणों ने खनन कारोबारी पर खनन प्वाइंट से सटी उनकी खेती की जमीनें भी हथियाने के आरोप लगाये है। लेकिन सपा नेता के रसूखों के दबाब के चलते जिले के आला अधिकारी इस अवैध खनन पर लगाम कसने में नाकाम रहे है।
लेकिन अब एनजीटी के नोटिस के बाद गंगा की कोख खोखली करने वालों पर कार्रवाई होती नजर आती है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी। इस सुनवाई से पहले जिला प्रशासन और राज्य पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन प्राधिकरण को प्रदेश सरकार के माध्यम से अपना जबाब एनजीटी में दाखिल करना है।


Source: http://voinews.in/?p=746

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